सुमित्रा नंदन पंत के विचार !




               सुमित्रा नंदन पंत द्वारा लिखी गई थी!                 



सुमित्रा नंदन पंत जो हिंदी सहिय-के एक महान कवि थे सात वर्ष की- उम्र में ही उन्होंने कवियों लिखना शुरू किया:!ओर धीरे धीरे वह हिंदी के नवीक धारा के प्रवर्तक कवि के रुप में पहचाने जाने लगे थे! 


सुमित्रा नंदन पंत का जन्म सुरय कताकण में रविवार 20,मई 1900को उतरखंड के कुमार की पहाड़ियों में स्थित बागोत्रर के एक गाँव कैसानी मैं हुआ! 


जिस कारण इनका पालन ओर कैसानी का मनमोहक प्रकृतिक वातावरण ने ईनहे अपनी ओर आकर्षित किया सुबह उठते ही हिमालय के दशीन कराना इनका वसंत बन गया था!, ise Jarur Pade friends dhanyvad !
  • Quote 1?हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम सोते                     
  •                                    है,!

  • Quote 2,जीना अपने ही मैं एक महान कार्य है! 

  • Quote 3,जीने को हो सदुपयोग यह मनुष्य का धम्र है! 


  • Quote 4,प्रकृति से प्यारा कराना आपको सुरवी जिवन  

  •                                  की तरफ बड़ा देता है! 

  • Quote 5,वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा 

  • होगा गान उमड़ कर आखो से चुपचाप बही होगी कविता 
  •                                      अनजान! 

  • Quote 6,गानी बनकर मत नीरस उपदेश लिखिए! लोक                      कम्र भाव सत्य प्रथम सत्कम्र कीजिए! 


  • Quote 7,वह सरल, विरल, काली रोखा तम के थागो                   सी जो हिल- डुल चलाती लहु पद पल-पल मिल                                       जुल! 



Quote 8,:मैं मौन् रहा, फिर सतह कहां बहती जओ बहती जओ बहती जीवन धारा में शायद कभी लोट अओ                                      तुम,!

Quote 9:मैंने छुटपत्र मैं छिपकर पैसे बोए थे सोया था, के पयरे पेड़ उगेगे! रूपयो का किरदार मधुर फसलें खनकैगी ओर फूल फलकर मैं मोटा सेट बनुगा! पर बंजर                          धरती में एक ना अंकुर! 


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