गणेश जी की आरती!! Ganesh ji ki aarti

         दोस्तों, गणपति बाप्पा बच्चो से लेकर बड़ो तक सबके प्यारे हैं उनका नाम जुबा पर आते ही एक अलग सा जोश अपने शरीर में आ जाता हैं। आज हम अपने इस पोस्ट में गणेश चतुर्थी पर कुछ शानदार कोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप गणेश चतुर्थी के मौके पर बधाई संदेश के रुप में अपने मित्रों एवं प्रियजनों को भेज सकते हैं। आज हम अपने प्यारे गणपति बाप्पा कोट्स – Ganesh Chaturthi arrti    


            1:          !! गणेश जी   की आरती !!


        सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची 


           नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची 


              सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची 


      कंठी झलके माल मुक्ता फलांची | जयदेव 


                 जयदेव जय मंगलमूर्ति 


         दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती | जयदेव 


           रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा 


              चंदनाची उटी कुमकुम केशरा 


              हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा 


        रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया | जयदेव 


                  जयदेव जय मंगलमूर्ति 


          दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती | जयदेव 


             लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना 


               सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना 

 

                 दास रामाचा वाट पाहे सदना 


     संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना | जयदे


                 जयदेव जय मंगलमूर्ति 


        दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती | जयदेव



2: जय गणेश जय गणेश देवा आरती 



जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे,

मूसे की सवारी ॥


जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


पान चढ़े फल चढ़े,

और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे,

संत करें सेवा ॥


जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


अंधन को आंख देत,

कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत,

निर्धन को माया ॥


जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


' सूर' श्याम शरण आए,

सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


----- Additional -----

दीनन की लाज रखो,

शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो,

जाऊं बलिहारी ॥


जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥


3:     ओम जय जगदीश हरे आरती 


ॐ जय जगदीश हरे, 


स्वामी जय जगदीश हरे । 


भक्त जनों के संकट, 


दास जनों के संकट, 


क्षण में दूर करे ॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


जो ध्यावे फल पावे, 


दुःख बिनसे मन का, 


स्वामी दुःख बिनसे मन का । 


सुख सम्पति घर आवे, 


सुख सम्पति घर आवे, 


कष्ट मिटे तन का ॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


मात पिता तुम मेरे, 


शरण गहूं किसकी, 


स्वामी शरण गहूं मैं किसकी । 


तुम बिन और न दूजा, 


तुम बिन और न दूजा, 


आस करूं मैं जिसकी॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


तुम पूरण परमात्मा, 


तुम अन्तर्यामी, 


स्वामी तुम अन्तर्यामी । 


पारब्रह्म परमेश्वर, 


पारब्रह्म परमेश्वर, 


तुम सब के स्वामी॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


तुम करुणा के सागर, 


तुम पालनकर्ता, 


स्वामी तुम पालनकर्ता । 


मैं मूरख फलकामी, 


मैं सेवक तुम स्वामी, 


कृपा करो भर्ता॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


तुम हो एक अगोचर, 


सबके प्राणपति, 


स्वामी सबके प्राणपति । 


किस विधि मिलूं दयामय, 


किस विधि मिलूं दयामय, 


तुमको मैं कुमति॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, 


ठाकुर तुम मेरे, 


स्वामी रक्षक तुम मेरे । 


अपने हाथ उठाओ, 


अपने शरण लगाओ, 


द्वार पड़ा तेरे॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


विषय-विकार मिटाओ, 


पाप हरो देवा, 


स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा । 


श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, 


श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, 


सन्तन की सेवा ॥ 


॥ ॐ जय जगदीश हरे...॥ 


ॐ जय जगदीश हरे, 


स्वामी जय जगदीश हरे । 


भक्त जनों के संकट, 


दास जनों के संकट, 

क्षण में दूर करे ॥


निवेदन #:


श्री गणेश की आरती ,# जय देव जय देव ,# शुक करता दुखो अरता ,# यह पोस्ट कैसी लगी हमें अपने comments के माध्यम से जरूर बताऐ और अपने दोस्तों के साथ shere करें धन्यवाद !!!